देह से थे कमजोर मगर, दिल में स्वतन्त्रता के अंगारे, जलती धूप में सोचे वह, कैसे अत्य देह से थे कमजोर मगर, दिल में स्वतन्त्रता के अंगारे, जलती धूप में सोचे वह,...
जैसे ही मैं घर में जाऊं, मेरी आंखें मां को ढूंढे। जैसे ही उसके पास में जाऊं , वो मेर जैसे ही मैं घर में जाऊं, मेरी आंखें मां को ढूंढे। जैसे ही उसके पास में जाऊ...
कितनी भोली कितनी प्यारी लगती जग में सबसे न्यारी। कितनी भोली कितनी प्यारी लगती जग में सबसे न्यारी।
मुखौटा मुखौटा
माँ ! ओ मेरी प्यारी माँ क्या तुम जानती हो मेरे लिए तुम क्या हो शायद नहीं जानती हो ! माँ ! ओ मेरी प्यारी माँ क्या तुम जानती हो मेरे लिए तुम क्या हो शायद नही...